प्रीत का रिश्ता दिल से टुटा ,
व्यापार हो गयी -----------------
कली का रिश्ता , चमन से टूटा ,
खार हो गयी ---------------------
आंशु का रिश्ता ,नयन से टूटा ,
जलधार हो गयी ---------------
बिन-ध्वनि दर्पण टूट गया ,
बिम्ब , खंड , में बिखर गया--- ,
झरते नयन , सरिता बन बहते ,
स्नेह का आचल छूट गया --------
छलके नयन, रोई भर -आचल ;
कश्ती बिन पतवार हो गयी ------
तकते नयन ,नेह बिन सुने ,
उदय सून्य लाचार हो गयी -------
उदय वीर सिंह .
०३/०३/२००९
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