ऐ आज़ादी मुबारक तुम्हें हर ख़ुशी ,
देशवाशी तेरा हर पुजारी रहे ---
पुंज दिनकर का दर्शन तेरे बाग में ,
वैभव का गुल मुस्कराता रहे, /
मान-अभिमान का रंग चढ़ाता रहे ,
मलय ज्ञान का नित सरसता रहे /
हर हृदय में बसेरा तुम्हारा रहे /----
क़यामत तक पूजा तुम्हारी रहे ,---
स्वांस आजाद हो ,सोच आजाद हो ,
उत्सव आज़ादी का चलता रहे ,/
छलकता रहे जाम अमृत भरा ,
सूरज अमन का चमकता रहे /
जन्म-जन्मों से नाता तेरा ऐ वतन ,
प्यास सेवा की हरदम करारी रहे /----
जन्म लेना पड़े नालों जज्ज्बात हों ,
शहीदी -समर्पण की अभिलाषा हो /
बलि -बेदी पर जीवन समर्पित करें ,
देश के प्रेम की मेरी परिभाषा हो /
मेरे जीवन का हर पल तेरे नाम से ,
जंगे- शमशीर हरदम उघारी रहे /---
पराधीनता का ना सपना दिखे,
लक्ष्य -मर्दन करें शत्रु गद्दार का /
आस-बिन्याश अरि के हौसले ख़त्म हों ,
अस्तित्व मिट जाये अपकार का /
हम विजेता रहे हैं ,रहेंगे सदा ,
उदय तेरा अपना, तू हमारी रहे /---
उदय वीर सिंह
१४/०९/२००७
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