मैं पी आया रे ,चाहे जिसने पिलाई /---------
मैं जी आया रे ,मौत नेड़े ना आई /-----------
खंजर के घर मेरी गर्दन गयी ,
कहने लगी काट डालो मुझे /
मुक्ति की मुरादें मैं मांगता ही रहा ,
दल-दल से अब तो बचा लो मुझे /
मैं छोड़ आया रे , राह अपनी बनाई ----------------
दरिया ने कहा मेरे संग आईये ,
मौत मांगीं जब हमने तो कहने लगी /
रब ने बक्शा है जीवन ,शुक्रिया भी नहीं !
जा के चुल्लू भर पानी में डूब जाईये /
मैं तो रो आया रे , आंसू उसने बहाई --------------
स्वर टूटता बेअसर हो गया ,
पीर बढ़ती गयी ,घाव रिसने लगे /
नैन झरते रहे ,बादलों की तरह ,
कितनीठोकर मिली, सबको सहते रहे /
मैं तोड़ आया रे , प्रीत होती परायी ---------------
अरदास एक ,अपने रब से करूं ,
मैं क्षमां चाहता बेबसी के लिए /,
माँ! पछताया रे , राह तेरी ना पाई -----------
आँख भर आयी रे ,याद तेरी जब आई ---------
उदय वीर सिंह .
१०/११/२०१०
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