उन्मुक्त भाव स्वछंद गीत ,
संगीत न होते क्या होता
टूटे स्वर बिखरी भाषा ,
लय - वद्ध न होते क्या होता ?
अश्व ,हस्ति सत्ता ,जल ,सावक,
प्रतिबन्ध न होते ,क्या होता ,
चंचल चित्त , नैन , पग , जिह्वा ,
हद- बंध न होते क्या होता ?
चिंतन अश्लील .संयम से दुरी ,
नितिबद्ध न होते क्या होता ,
कब जोड़ा कब टूट गया
अनुबंध न होते , क्या होता ?
आँखों की भाषा ह्रदय पढ़े ,
हृदय की भाषा पढ़े कौन ,
आंसू की भाषा मौन पढ़े ,
मौन की भाषा पढ़े कौन ?
अंतर्मन , पीड़ा का आँगन ,
आबद्ध न होते क्या होता ,
गुल -गुलशन की आयत में ,
सम्बन्ध न होते क्या होता ?
सदाचार के सौरभ हैं तो,
कदाचार के कांटे हैं ,
प्रेम भरा अनुशीलन है तो ,
आह भरे सन्नाटे हैं ,
उन्मुक्त आचार ,परिभाषा -हीन ,
स्वतंत्र विचार , मर्यादा - हीन ,
"गीभ एंड टेक " से प्रेम तुले ,
आयाम प्रगति के दिशाहीन ,
"नेकी कर दरिया में डाल",
ये छंद न होते क्या होता ,
इनसान मुकम्मल बना नहीं ,
भगवान बने तो क्या होता
चिंतन अश्लील .संयम से दुरी ,
नितिबद्ध न होते क्या होता ,
कब जोड़ा कब टूट गया
अनुबंध न होते , क्या होता ?
आँखों की भाषा ह्रदय पढ़े ,
हृदय की भाषा पढ़े कौन ,
आंसू की भाषा मौन पढ़े ,
मौन की भाषा पढ़े कौन ?
अंतर्मन , पीड़ा का आँगन ,
आबद्ध न होते क्या होता ,
गुल -गुलशन की आयत में ,
सम्बन्ध न होते क्या होता ?
सदाचार के सौरभ हैं तो,
कदाचार के कांटे हैं ,
प्रेम भरा अनुशीलन है तो ,
आह भरे सन्नाटे हैं ,
उन्मुक्त आचार ,परिभाषा -हीन ,
स्वतंत्र विचार , मर्यादा - हीन ,
"गीभ एंड टेक " से प्रेम तुले ,
आयाम प्रगति के दिशाहीन ,
"नेकी कर दरिया में डाल",
ये छंद न होते क्या होता ,
इनसान मुकम्मल बना नहीं ,
भगवान बने तो क्या होता
2 टिप्पणियां:
"नेकी कर दरिया में डाल",
ये छंद न होते क्या होता ,
इनसान मुकम्मल बना नहीं ,
भगवान बने तो क्या होता
सुन्दर प्रस्तुत हृदय की पीर
समझे वही जो रखे कुछ धीर
अनुपम भावनाओं का उदय है वीर
'उदय वीर' न होते क्या होता.
"नेकी कर दरिया में डाल",
ये छंद न होते क्या होता ,
इनसान मुकम्मल बना नहीं ,
भगवान बने तो क्या होता
बहुत सुन्दर चिन्तन...
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