हमने माना है तुम्हें खुदा की तरह ,
दिल में आज भी हो, मेरे खुदा की तरह
हमने ढूंढा बहुत ,खुदा नहीं मिलता ,
जब भी चाहा, मिले खुदा की तरह -
अश्क आये नहीं ,रेशम सी अंजुली दे दी ,
पास आये उदय , खुदा की तरह -
रूठ जाने की ज़माने ने निभाई रश्में,
मनाने की अदा तेरी , खुदा की तरह-
गिला नहीं दे, दस्तक लौट जाने का,
ख्वाबों में ही आना ,मेरे खुदा की तरह-
दर्द गाफिल है,तुम्हें करके हवाले गुलशन,
गुले पयाम रहो . मेरे खुदा की तरह -
न भूल पाए हैं तेरी, फितरत लुट लेने की ,
देकर के इतना प्यार ,मेरे खुदा की तरह -
उदय वीर सिंह
16-06-2012.
12 टिप्पणियां:
बेहतरीन रचना, वीर जी
मिलिए सुतनुका देवदासी और देवदीन रुपदक्ष से रामगढ में जहाँ रचा गया महाकाव्य मेघदूत।
इस रचना में प्रेम है तो सिर्फ़ घटना बनकर नहीं है।
बहुत सुन्दर उदय जी...
अश्क आये नहीं ,रेशम सी अंजुली दे दी ,
पास आये उदय , खुदा की तरह -
लाजवाब गज़ल..
हमने माना है तुम्हें खुदा की तरह ,
दिल में आज भी हो, मेरे खुदा की तरह
सुंदर विचार और उतनी ही सुंदर अभिव्यक्ति ...!!
शुभकामनायें
बेहतरीन सुन्दर रचना !!!! बधाई !!!!!
गिला नहीं दे, दस्तक लौट जाने का,
ख्वाबों में ही आना ,मेरे खुदा की तरह-
बहुत खूब ...
न भूल पाए हैं तेरी, फितरत लुट लेने की ,
देकर के इतना प्यार ,मेरे खुदा की तरह -
बहुत बेहतरीन सुंदर गजल,,,लिखने की बधाई
RECENT POST ,,,,पर याद छोड़ जायेगें,,,,,
इतना चाहा उसे की वो खुदा गया
कुछ कहने को अब बाकी ना रहा...
लाजवाब, बेमिसाल... सादर
उन्हें खुदा समझा, खुद को कुछ भी नहीं..
बढि़या ग़ज़ल लिखी है आपने।
अच्छी रचना
नीरज
**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**
~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
*****************************************************************
बेहतरीन रचना
दंतैल हाथी से मुड़भेड़
सरगुजा के वनों की रोमांचक कथा
♥ आपके ब्लॉग़ की चर्चा ब्लॉग4वार्ता पर ! ♥
♥ पढिए पेसल फ़ुरसती वार्ता,"ये तो बड़ा टोईंग है !!" ♥
♥सप्ताहांत की शुभकामनाएं♥
ब्लॉ.ललित शर्मा
*****************************************************************
~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~^~
**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**♥**
एक टिप्पणी भेजें