विकलांगता
शरीर की, रचनाकार की भूल
या प्रारब्ध की त्रासदी ,
रहस्यमयी है .....
विकलांगता !
हृदय की ,स्नेह की ,विवेक की
भाव की क्यों है ?
ईमारत की,
तामीर के लिए ,जरुरी है ,
लकड़ी,व जमीन, का सूखा होना ,
फसल व ,सृजन के लिए
जमीन सूखी क्यों है ?
काफिले गुजरते गए
समय भी ,दासतां लिखकर,
गवाह- ए- मंजर , दरख्त को
मायूसी क्यों है ?
टांगना था खूंटियों पर ,
ईर्ष्या,विद्वेष अशहिष्णुता,पापाचार ,
सदाचार ,सदाशयता ,संस्कार
खूंटी पर क्यों है ?
पत्र में प्रेम को छोड़ ,
लिखा, सब कुछ
ऐसी वैचारिक
विकलांगता
क्यों
है .....?
उदय वीर सिंह .
26 -06 -2012
4 टिप्पणियां:
बहुत गहन अभिव्यक्ति ..... मन और भावों की विकलांगता कष्टकारी होती है
पत्र में प्रेम को छोड़ ,
लिखा, सब कुछ
ऐसे प्रेम -पत्र की
मज़बूरी
क्यों है .....?
अर्थपूर्ण बहुत अच्छी अभिव्यक्ति,,,,
अनुपस्थिति रह रह के उपस्थित क्यों हो जाती है जीवन में..
गहन भावप्रणव अभिव्यक्ति!
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