बुधवार, 28 नवंबर 2012

जन -नानक

आदि गुरु ! गुरु नानक देव जी के पावन  प्रकाशोत्सवकी 
पूर्व संध्या पर समस्त मानव जाति को लख -लख
बधाईयाँ , प्यार ।   




जगमग    व्योम   धरा  का 
आँचल,अँधेरा मिट जाता है 
खोल कपाट तोड़ कर वन्धन 
बाबा     नानक      आता  है -


अमृत  वाणी , अमृत धारा
अमृत  कलश  संजो  करके 
वसुधा  भींगे  प्रेम   की वर्षा ,
प्रिय  प्रीतम  की  हो करके -

ध्रुर  की  वाणी, कंठ पधारी ,
मरदाना   रबाब   बजता है -

रीठा     मीठा     हो   जाता 
चक्की  भी ,आपे  चलती है ,
नित  लंगर चलता रहता है ,
गोदाम    सलामत रहती है -

सच्चा   सौदा दरवेशों संग 
सौदाई      कर       जाता है -

किसकी रोटी, खून भरी है ,
किसकी   रोटी   दूध   भरी -
किसका   जीवन  पावन है,
किसका है, विष की गठरी -

ले करके   अपने    हाथों में 
बाबा  नानक दिखलाता है-

पथ   ,पाखंड , अहंकार  का
तोडा    अपने     हाथों    से,
मिथ्या,ढोंग ,भ्रम व वन्धन 
बिलट   गए      संघातों   से-

चानड़  होता मानस है जब 
प्रकाश  ज्ञान   का पाता है -

कर्म-कांड ,जंजाल ,जनेऊ ,
उंच -नीच ,शुभ अपयश का ,
मानुष की सब  जाति एक
एक मालिक सब बन्दों का -

इश्वर एक वारिश हम उसके ,
सूत्र    वाक्य   दे    जाता है -

हिल    उठती   हैं   सरकारें ,
निर्बल    को   छलने    वाले  ,
तौहीद   की  आवाज  उठाई,
छंट    गए     बादल    काले   -

पीर   परायी ,सुख    साँझा    
जन  -   सन्देश   सुनाता  है - 

इश्वर    एक   अनेक    नाम  
मत बांध  दिशा व  कालों में  
न जन्मा  न  मृत्यु  वरन  है  
न   रूप - रंग   के  थालों  में  -

प्यार की सरिता अमृत वाणी 
 जन -  जन  को  दे   जाता  है -

                               उदय  वीर  सिंह 


5 टिप्‍पणियां:

रविकर ने कहा…

सादर नमन रविकर करे, होवे प्रकाशित आत्मा |
विश्व से अघ-तम मिटे, शैतान का हो खात्मा ||

Smart Indian ने कहा…

आपको भी गुरु नानक देव जी के पावन प्रकाशोत्सव की हार्दिक बधाई हो!

प्रवीण पाण्डेय ने कहा…

श्रीगुरुनानाक जयन्ती की ढेरों बधाइयाँ..

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

श्री गुरुनानाक जयन्ती के अवसर पर ढेरों बधाइयाँ,,

resent post : तड़प,,,

Rajesh Kumari ने कहा…

गुरु नानक जी की जयंती के अवसर पर बहुत उत्कृष्ट रचना लिखी आपने ।आपको भी ढेर सारी बधाई।