पथरायी आँखों में नूर नहीं रहा भले
दिल में खूबसूरत नजर रखते हैं -
बरसाओ धूप के अंगारे चाहे कितने
अपनी बस्तियों में शजर रखते हैं -
वीरान बेरौनक बदसूरत दिखता तन
सीने में बेमिसाल शहर रखते हैं -
आफताबो ,माहताब पर अब यकीं न रहा
माचिस की तीलियों में सहर रखते हैं -
फूलों में छुपा के नश्तर रखने वालों
हम कागजी सही फूल मोहब्बत के रखते हैं -
कहा था टूटने से पहले हसीं ख्वाब
सुकून के दो पल ने कितने मुक्तसर होते हैं-
आसरा टूटता है छोड़ते हैं जब हाथ अपने
गैरों के शहर में भी हमसफ़र मिलते हैं -
-उदय वीर सिंह
दिल में खूबसूरत नजर रखते हैं -
बरसाओ धूप के अंगारे चाहे कितने
अपनी बस्तियों में शजर रखते हैं -
वीरान बेरौनक बदसूरत दिखता तन
सीने में बेमिसाल शहर रखते हैं -
आफताबो ,माहताब पर अब यकीं न रहा
माचिस की तीलियों में सहर रखते हैं -
फूलों में छुपा के नश्तर रखने वालों
हम कागजी सही फूल मोहब्बत के रखते हैं -
कहा था टूटने से पहले हसीं ख्वाब
सुकून के दो पल ने कितने मुक्तसर होते हैं-
आसरा टूटता है छोड़ते हैं जब हाथ अपने
गैरों के शहर में भी हमसफ़र मिलते हैं -
-उदय वीर सिंह
2 टिप्पणियां:
वाह !!!बहुत ही सुंदर भाव अभिव्यक्ति,,,
RECENT POST : समझ में आया बापू .
भाई प्रेम में नज़र लग गयी
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