गुरुवार, 7 नवंबर 2013

सारी पीर दे दे -




                    
मेंरे हाथों  में  अब मेरी तकदीर दे दे 
जगह  प्यादे  की   मुझे  वजीर दे दे-

फतह  मेरी  हो जब  जंग लड़ी जाये 
कभी हारा न हो उसकी शमशीर दे दे-

मुमताजी यादों में अपना ताज होगा 
ख्वाबों का ही सही मुझे  जागीर दे दे-

लोग  कैसे  होते हैं क़त्ल बे-शमसीर   
मेरी  जुबान  को   वो  तासीर  दे  दे  -

मांगना  अच्छा  नहीं बार- बार ख़ुशी  
उदय  मेरे  हिस्से की  सारी पीर दे दे  -

                                - उदय वीर सिंह 

  


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