आओ बात करते हैं -
आओ बात करते हैं -
हमें पहचान नहीं है परायों की
हमें ज्ञान नहीं है धर्म का जाति का
संस्कृति राजनीति का
क्षेत्र, भाषा, वाद, रीति
गीत, संगीत का .....
हमें तो चाहिए प्यार और प्यार
सिर्फ प्यार ....
जो दोगे वो लौटाउंगा
चाक की मिटटी हूँ ,
जैसा चाहोगे ढल जाऊंगा ....
उदय वीर सिंह
5 टिप्पणियां:
बहुत सुंदर !
बेहतरीन ...
आपकी लिखी रचना रविवार 13 अप्रेल 2014 को लिंक की जाएगी...............
http://nayi-purani-halchal.blogspot.in
आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
सुन्दर
बहुत सुन्दर प्रेरक प्रस्तुति
प्यार से प्यार ही मिलता है
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