गुरुवार, 18 दिसंबर 2014

मेरे सवाल कभी संसद .....


मेरे सवाल कभी संसद नहीं गए,
वो अवाम के हैं ,आम लोगों के है -

किसी आभिजात्य दौलत मंदों के नहीं
बेकस ,मजलूम तमाम लोगों के हैं -

इत्तेफाक रखते हैं रोटी कपड़ा मकान से
विकास से अंजान लोगों के हैं -

जिनके दम पर खड़ी है वतन की इमारत
तामीरदार गुमनाम लोगों के हैं -

सियासत के मदरसों में ,मोहरे कहे गए
वतनपरस्ती में बदनाम लोगों के हैं -

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