जब से इंसान से धनवान बनने लगे
टुकड़ों में धरती आसमान बंटने लगे -
रास्ते सँकरे हुए आलिशान गाड़ियों के
बाजू के रिहाईसी मकान गिरने लगे -
मखमलीदार झड़ियों का दौर आया के
छायादार व फलदार पेड़ कटने लगे -
नुमायिशी रास्तों की तामीर में खुश हुए
मस्जिदो- मंदिर के बजूद मिटने लगे -
माँ तड़फती बिलबिलाते बच्चे भूख से
प्रतिष्ठा बढ़ी गोंद में कुत्ते पलने लगे -
उदय वीर सिंह
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