पोंछ कर हाथ फेका तौलिया
देख हिकारत से गंदा कह गया-
देख हिकारत से गंदा कह गया-
लेकर तालिम सुर्खुरु हो गया
आलिम को मंदा कह गया -
मांगी दुआएं बंदों ने दर बदर
मिजाजपुर्षी को धंधा कह गया -
तराशी जिंदगी चलना सिखाया
उस बाप को अंधा कह गया -
आँचल फाड़ पट्टी जख्म पर बांधी
उस सिर को नंगा कह गया -
तोलता है तालिम को व्यापार से
बाजार को नालंदा कह गया -
खून से जिसके रंगे हैं हाथ अब भी
बेकस को दरिंदा कह गया -
उदय वीर सिंह
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