गहन अँधेरों के वासी हो
तुम उजाला क्या करोगे -
भूखा रहने की पड़ी है आदत
तुम निवाला क्या करोगे -
भक्ति भगवंत का ज्ञान नहीं
कर लेकर माला क्या करोगे -
दिख जाएगा जग जो उठी नजर
काले को काला क्या करोगे -
तुम उजाला क्या करोगे -
भूखा रहने की पड़ी है आदत
तुम निवाला क्या करोगे -
भक्ति भगवंत का ज्ञान नहीं
कर लेकर माला क्या करोगे -
दिख जाएगा जग जो उठी नजर
काले को काला क्या करोगे -
2 टिप्पणियां:
आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" सोमवार 28 सितम्बर 2015 को लिंक की जाएगी............... http://halchalwith5links.blogspot.in पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल सोमवार (28-09-2015) को "बढ़ते पंडाल घटती श्रद्धा" (चर्चा अंक-2112) (चर्चा अंक-2109) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
अनन्त चतुर्दशी की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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