हम भी तेरे साथ चलते
रौशनी की ओर दोस्त !
काश मेरा भी सूरज
पूरब से उगता ........।
हमसाये साथ तो हैं
पर दिशायेँ विपरीत हैं
तेरे पास थैला है ,
मेरे पास भी है ,
तुमने किताबें सँजोई हैं
हमने कचरा
तुम भी जा रहे हो.... हम भी जा रहे हैं ...
अंतर सिर्फ इतना है
तुम स्कूल जा रहे हो
हम कचरे के ढेर
की ओर ...
तुम्हारे सामने खड़ा
ज्ञानार्जन का अवसर है
मेरे सामने जीविकोपार्जन की
मजबूरीयां हैं ....तेरा बचपन तेरे साथ है
मेरा बचपन ख्वाब
तेरे मेरे बीच सिर्फ
इतनी ही दूरियाँ हैं .....
- उदय वीर सिंह
रौशनी की ओर दोस्त !
काश मेरा भी सूरज
पूरब से उगता ........।
हमसाये साथ तो हैं
पर दिशायेँ विपरीत हैं
तेरे पास थैला है ,
मेरे पास भी है ,
तुमने किताबें सँजोई हैं
हमने कचरा
तुम भी जा रहे हो.... हम भी जा रहे हैं ...
अंतर सिर्फ इतना है
तुम स्कूल जा रहे हो
हम कचरे के ढेर
की ओर ...
तुम्हारे सामने खड़ा
ज्ञानार्जन का अवसर है
मेरे सामने जीविकोपार्जन की
मजबूरीयां हैं ....तेरा बचपन तेरे साथ है
मेरा बचपन ख्वाब
तेरे मेरे बीच सिर्फ
इतनी ही दूरियाँ हैं .....
- उदय वीर सिंह
1 टिप्पणी:
dil ke kisi kone ko dravit karti rachna
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