रविवार, 5 जून 2016

ध्वंस ... गहन अंधकार

पर्यावरण के
पीछे का सच 
उन्माद उपेक्षा विध्वंस 
धृष्टता तथाकथित श्रेष्ठता 
लोभ अहंकार अमानवीयता 
वरीयता कृत्रिम सृजन की 
नैशर्गिकता से निर्मोह 
विमुखता 
प्रवंचना प्रमाद की स्वीकारोक्ति 
संस्कार विहीनता 
रग रग में समाई है ,
प्रकृति को बौना बना देने की  
व्यक्ति, समाज ही नहीं वरन 
देशों ने मानो कसम 
खाई है ...
प्रकृति भी खड़ी है 
समक्ष
सृजन प्रबोध की जगह
लेकर प्रलय अकाल बाढ़  सूखा  
मृत्यु विनाश धुन्ध
 गहन अंधकार ..... 

उदय वीर सिंह 


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