शुक्रवार, 5 अगस्त 2016

मैं नींद में हूँ .... मुझे सोने दो -

परेशान कौन है ये वो जाने
मैं नींद में हूँ मुझे सोने दो -
राह काफिले मेरे नहीं वीर
जिसका समान उसे ढोने दो -
बारिस में निकला तो भीगेगा
जिसे चोट लगी उसे रोने दो -
खेत उसका है मर्जी भी उसी की
फसल जो चाहे उसे बोने दो -
किसी का चिराग बुझता है तो बुझे
मेरे घर का चिराग जलने दो -
कहता है जमीर -
मूर्ख सोता है सो ! मत जाग
पूरी बस्ती में जो लगी है आग
तू ईश्वर नहीं समाज का हिस्सा है
जलेगा तेरा भी घर जलने दो -
उदय वीर सिंह