काले मन का कितना काला धन-
ढ़ो रहे सिर पर सूरज उजाले का
सजा स्वेत पुष्पों का धवल उपवन
हो अनाथ करता नाथ से विनती
मेरी छाया भी कर दो कंचन -
महा श्वेत वसन उच्च व्याख्यान
च्युत न्याय नैतिक आदर्श चिंतन
सौम्य शांत श्रद्धा विश्वास के आवरण
ओढ़ छल करता समाज से कलुष मन -
उदय वीर सिंह
ढ़ो रहे सिर पर सूरज उजाले का
सजा स्वेत पुष्पों का धवल उपवन
हो अनाथ करता नाथ से विनती
मेरी छाया भी कर दो कंचन -
महा श्वेत वसन उच्च व्याख्यान
च्युत न्याय नैतिक आदर्श चिंतन
सौम्य शांत श्रद्धा विश्वास के आवरण
ओढ़ छल करता समाज से कलुष मन -
उदय वीर सिंह
2 टिप्पणियां:
उजागर कर दो तो काया हो जायेगी कंचन।
बढ़िया
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