उन्नयन (UNNAYANA)
रविवार, 13 नवंबर 2016
यतिमी की पैरहन न देना
डाल
दो
आग
की
दरिया
मे
यतीमी
की
पैरहन
न
देना
-
अगर
यही
है
जमाने
के
लोग
तो
जिंदगी
हमें
रब
न
देना
-
जो
मिटता
है
गम
रो
लेने
से
वीर
आँसू
हमें
कम
न
देना
-
खुले
आशमा
से
क्या
शिकायत
सोने
को
जमीन
नम
न
देना
-
उदय
वीर
सिंह
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