गोंद किसी की भी हो भरी हो
तबीयत किसी की हो हरी हो
खुशियाँ बाँट लेने में दर्द क्यों
दर्द किसी का हो आखिरी हो -
किसी के लिए मांग कर मौत
तुम्हें अमरत्व तो नहीं मिलता
अरदास होनी चाहिए रब से वीर
लोड़बंदों की हर हसरत पूरी हो -
काला भी रंग है कुदरत का दिया
जरूररी नहीं हर वस्तु संगमरमरी हो
उदय वीर सिंह
तबीयत किसी की हो हरी हो
खुशियाँ बाँट लेने में दर्द क्यों
दर्द किसी का हो आखिरी हो -
किसी के लिए मांग कर मौत
तुम्हें अमरत्व तो नहीं मिलता
अरदास होनी चाहिए रब से वीर
लोड़बंदों की हर हसरत पूरी हो -
काला भी रंग है कुदरत का दिया
जरूररी नहीं हर वस्तु संगमरमरी हो
उदय वीर सिंह
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