शुक्रवार, 5 मई 2017

है ऊंचा साडा देश -

सिर गया साजन गया पगड़ी गई निर्मोह 
नींद गई सपने गए बचपन से आशा मोह 
बेबे की आशीष प्रतीक्षा बापू का नेह सनेह 
लोडी बैसाखी आएंगी अब  न आएगा गेह -
खाली आँचल मांग धुली वो टूर गया दे संदेश 
राह  न सुनी हो वलिदानी है ऊंचा साडा देश -
उदय वीर सिंह 

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