सिर गया साजन गया पगड़ी गई निर्मोह
नींद गई सपने गए बचपन से आशा मोह
बेबे की आशीष प्रतीक्षा बापू का नेह सनेह
लोडी बैसाखी आएंगी अब न आएगा गेह -
खाली आँचल मांग धुली वो टूर गया दे संदेश
राह न सुनी हो वलिदानी है ऊंचा साडा देश -
उदय वीर सिंह
नींद गई सपने गए बचपन से आशा मोह
बेबे की आशीष प्रतीक्षा बापू का नेह सनेह
लोडी बैसाखी आएंगी अब न आएगा गेह -
खाली आँचल मांग धुली वो टूर गया दे संदेश
राह न सुनी हो वलिदानी है ऊंचा साडा देश -
उदय वीर सिंह
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें