रविवार, 11 मार्च 2018

बात पूनम की हो चाँद चमकेगा ही -

खिला पुष्प बगीया तो महकेगा ही
बात पूनम की हो चाँद चमकेगा ही -
आग किसके हृदय में नहीं पूछिए 
जब गुजरी हवा शोला दहकेगा ही -
गीत दिल की बजी साज छेड़े गए
हुलस वीथियाँ पंछी चहकेगा ही
वीर संवेदना से नहीं मुक्त घन
वो तपती विरह भूमि बरसेगा ही -
प्रतीक्षा में दिन रात जब लगा मन
हर आहट पर कंगन तो खनकेगा ही
कोई आया है दहलीज अपनी उदय
झांक घूँघट से व्याकुल मन बहकेगा ही -
उदय वीर सिंह



कोई टिप्पणी नहीं: